दीपावली 31 अक्टूबर को मनाना शास्त्र सम्मत

29 अक्टूबर को धनतेरस से शुरू होकर से 3 नवम्बर भाई दूज तक चलेगा पंच दिवसीय महोत्सव

 

प्रयागराज। पंच दिवसीय महापर्व दीपावली का आगाज धनतेरस से शुरू होकर भैया दूज के दिन संपन्न होता है। पांच दिनों के इस महापर्व में हर दिन विशेष महत्व है। पंचदिवसीय महापर्व के पहले दिन धनतेरस, दूसरे दिन छोटी दिवाली, तीसरे दिन दीपवाली, चौथे दिन अन्नकूट व गोवर्धन पूजा और पांचवे दिन भैया दूज का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष दीपावली की सही तिथि को लेकर लोगों में भ्रम हो रहा है। कोई 31 अक्टूबर को दीपावली मनाने की बात कर रहा है तो कोई 1 नवंबर की तिथि बता रहा है। इस संबंध में वैदिक विद्वानों ने बताया कि पंचांग व तिथि के अनुसार इस साल 29 अक्टूबर को धनतेरस, 30 अक्टूबर को नरक चतुर्दशी एवं हनुमत्जन्मोत्सव, 31 अक्टूबर को दीपावली 2 नवम्बर को अन्नकूट / गोवर्धन पूजा एवं 3 नवम्बर को भातृ द्वितीया (भैया दूज) मनाना शास्त्र सम्मत है। झूसी स्थित परमानंद आश्रम में श्री स्वामी नरोत्तमानन्द गिरि वेद विद्यालय के प्राचार्य व वेद शास्त्र के जानकार ब्रजमोहन पाण्डेय ने पंच दिवासीय पर्व को मनाने की तिथि शुभ मुहूर्त आदि के बारे में विस्तार से बताया।

 

दीपावली निर्णय – इस वर्ष दीपावली पूजन उत्सव 31 अक्टूबर 2024, गुरुवार को मनाया जाएगा। दीपावली के लिए प्रदोष काल में अमावस्या होना तथा मध्य रात्रि निशीथ काल में अमावस्या होना आवश्यक है। क्योंकि प्रदोष काल में ही लक्ष्मी जी, इन्द्र एवं कुबेर जी के पूजन का विधान है तथा अर्ध रात्रि निशीथ काल में काली का पूजन आवश्यक है (जो दीपावली पूजन का अंग है) और 31 अक्टूबर 2024, गुरुवार को यह सभी योग प्राप्त हैं। अतः इसी दिन दीपावली पूजन करना चाहिए।

दूसरी बात, 1 नवम्बर 2024, शुक्रवार को प्रदोष काल में तो अमावस्या प्राप्त हो रही है परन्तु अर्ध रात्रि में अमावस्या नहीं होने के कारण दीपावली का अंग काली पूजन नहीं हो पा रहा है। अतः 1 नवम्बर को दीपावली पूजन अंगहीन होने के कारण, उक्त दिवस उपयुक्त नहीं है। इसलिए सभी के लिए दीपावली पूजन 31 अक्टूबर 2024, गुरुवार को ही मनाना शास्त्र सम्मत है।

 

धनत्रयोदशी (धनतेरस) – दिनांक 29 अक्टूबर, 2024 दिन मंगलवार

धनवन्तरि पूजा मुहूर्त – सायं 06.35 से 08.31 तक

धनतेरस के दिन खरीददारी का शुभ मुहूर्त

दोपहर 11.46 से 01.10 तक, 06.59 सायं से 08.34 तक

 

नरक चतुर्दषी एवं हनुमत्जन्मोत्सव – दिनांक 30 अक्टूबर, 2024 दिन बुधवार

सायंकाल घर से बाहर मृत्युनिवारक चार बत्तियों वाला (चौमुखी) दीपक यमराज के निमित्त प्रज्ज्वलित करना चाहिए।

हनुमत्जन्मोत्सव पूजन – सायं 06.29 से 08.25 तक

 

शुभ दीपावली – दिनांक 31 अक्टूबर, 2024 दिन गुरूवार

लक्ष्मीपूजन मुहूर्त – गोधूलि बेला/प्रदोषकाल सायं 05.21 से 07.55 तक

वृष लग्न – सायं 06.08 से 08.23 तक

महानिशा काल/सिंह लग्न – रात्रि 12.55 से 03.09 तक

 

अन्नकूट / गोवर्धन पूजा – दिनांक 02 नवम्बर, 2024 दिन शनिवार

 

अन्नकूट उत्सव कार्तिक माह के शुक्लपक्ष की प्रतिपदा को मनाया जाता है इस दिन गोवर्धन पूजा का भी विशेष महत्त्व है।

 

भातृ द्वितीया (भैया दूज) – दिनांक 03 नवम्बर, 2024 दिन रविवार

इस दिन यमुना नदी या तीर्थ जल से स्नान कर बहनों द्वारा भाई का टीका व पूजन करने का विधान है।

भातृ द्वितीया का मुहूर्त्त – दोपहर 12.52 से दोहपर 03.06 तक

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